नई दिल्ली। दीपावली के त्योहार पर लक्ष्मी- गणेश पूजन का खास महत्व है। दीपावली के दिन प्रदोषकाल में माता लक्ष्मी जी की पूजा होती है। मान्यता है कि इस समय लक्ष्मी जी की पूजा करने से मनुष्य को कभी दरिद्रता का सामना नहीं करना पड़ता।
लक्ष्मी पूजा मुहूर्त
शाम 06:27 से लेकर रात को 08:09 तक
महानिशा काल पूजा मुहूर्त
रात्रि 11:38 से लेकर रात को 12:30 तक
पूजन विधि
सबसे पहले गणेश और लक्ष्मी का पूजन करें। पूजन के लिए किसी चौकी या कपड़े के पवित्र आसन पर गणेश जी के दाहिने भाग में माता लक्ष्मी को स्थापित करें। पूजा स्थान को पवित्र कर स्वयं भी पवित्र होकर श्रद्धा-भक्तिपूर्वक सायंकाल में शुभ मुहूर्त में इनका पूजन करें। मां लक्ष्मी और गणेश जी के चित्र या मूर्ति को पुष्प माला पहनाकर, धूप, दीप, अगरबत्ती और शुद्ध घी के पांच और अन्य सरसों के तेल के दीपक जलाएं।
पूजन में सर्वप्रथम स्वस्तिवाचन, कलशपूजन, संकल्प लेकर श्रीगणेश, महालक्ष्मी, ऋद्धि-सिद्धि, इन्द्र, वरूण, कुबेर, ब्रह्मा, विष्णु, महेश, कुलदेवता, स्थानदेवता, सूर्यादि समस्त ग्रह नक्षत्र की पूजा अर्चना करें। लक्ष्मी तथा कुबेर के मंत्रों का यथा शक्ति जाप करें। पूजा के पश्चात् लक्ष्मी जी की आरती, मंत्र पुष्पांजली तथा क्षमा प्रार्थना करें।
उपरोक्त पूजन के बाद घर की महिलाएं अपने हाथ से सोने-चांदी के आभूषण और सुहाग की संपूर्ण सामग्रियां लेकर मां लक्ष्मी को अर्पित करें। अगले दिन स्नान के बाद विधि-विधान से पूजन कर आभूषण और सुहाग की सामग्री को मां लक्ष्मी का प्रसाद समझकर स्वयं प्रयोग करें। ऐसा करने से मां लक्ष्मी की कृपा सदा बनी रहती है।