मोदी सरकार के 500 और 1000 रुपए के नोट बंद करने के फैसले के बाद पूरे देश में अफरा-तफरी का माहौल है। हर जगह से लोगों को थोड़ी समस्याएं हो रही हैं। लेकिन असली घमासान कालेधन के कारोबारियों की जिंदगी पर मचा हुआ है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक हवाला कारोबारियों ने कालेधन पर हाथ मिला लिया है। उन्होंने एक गुप्त बैठक करके कालेधन को ठिकाने लगाने का तरीका खोज निकाला है। अब उसी प्लानिंग के तहत कालेधन के कारोबारी अपने कालेधन को ठिकाने लगाएंगें। तय किया गया है कि 32 हजार रुपए वाला सोना 42 हजार रपुए मे ंखरीदा और बेचा जाएगा। इतना ही नहीं नकदी पैसा का पर्चा भी काटा जाएगा।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हवाला कारोबारियों और सर्राफा व्यवसायियों की एक गुप्त बैठक हुई। इस बैठक में कालेधन को बचाने के लिए काफी देर तक विचार विमर्श किया गया। लंबे वक्त के लिए तो नहीं लेकिन थोड़े वक्त के लिए इससे बचने की रणनीति जरूर बना ली गई। रिपोर्ट्स की मानें सभी ने इन दो उपायों पर सभी कालेधन के कारोबारियों ने हामी भर दी।
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सर्राफा बाजार के जानकार बताते हैं कि किसी भी सर्राफ के लिए यह बड़ा ही आसान है। वो तो सोने का नम्बर एक में पर्चा काट देगा। बिक्री किए गए सोने पर टैक्स भी दे देगा। दस किलो सोना बेचने वाला 40-40 किलो तक सोना बेच रहा है। हवाला वालों ने रुपया सर्राफ के यहां भेज दिया है। सोना आता रहेगा। देर रात तक सर्राफ पर्चा काटने में लगे रहे। यह अलग बात है कि वो किसके नाम से और किस पैन नम्बर पर पर्चा काट रहे हैं, यह नहीं पता।
इधर कालेधन के कारोबारियों ने गाँव की ओर रुख किया है। गाँवों में इस वक्त धान की फसल तैयार ख़ड़ी है। उसे खेत से ही खरीद लिया जा रहा है और नकद में भुगतान किया जा रहा है। इससे किसान भी खुश है। ऐसे तरीकों पर सरकार को कदम उठाने की जरूरत है। कम से कम सर्राफा कारोबारियों पर तो लगाम लगाना ही चाहिए।
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