इंदौर। 500 और 1000 के पुराने नोट बंद होने की जानकारी लगते ही देशभर में हड़कंप मच गया। लोग रातभर इन बंद होने वाले नोटों को खर्च करने की जुगत लगाते रहे। बड़े नोटों को बंद करना और फिर से शुरू करना ऐसा तो देश की आजादी के बाद से चला आ रहा है, लेकिन इसमें एक रोचक तथ्य है यह कि नोट पर गांधी जी का चित्र कैसे आया। इस रोचक तथ्य को...
कहां की है ये फोटो
नोटों में छपी गांधीजी की यह तस्वीर ऐतिहासिक और हिंदुस्तान की करंसी ट्रेडमार्क है। दरअसल यह सिर्फ पोट्रेट फोटो नहीं, बल्कि गांधीजी की संलग्न तस्वीर है। इसी तस्वीर से गांधीजी का चेहरा पोट्रेट के रूप में लिया गया है। यह तस्वीर उस समय खींची गई, जब गांधीजी ने तत्कालीन बर्मा और भारत में ब्रिटिश सेक्रेटरी के रूप में कार्यरत फ्रेडरिक पेथिक लॉरेंस के साथ कोलकाता स्थित वायसराय हाउस में मुलाकात की थी। इसी तस्वीर से गांधीजी का चेहरा पोट्रेट के रूप में भारतीय नोटों पर अंकित किया गया।
अगली स्लाइड में पढ़ें, पहले नोटों पर अशोक स्तंभ अंकित हुआ करता था...
(फोटो: सन् 1996 से पहले चलन में था यह 10 रुपए का नोट)
आज हम भारतीय नोटों पर गांधीजी का चित्र देख रहे हैं, जबकि इससे पहले नोटों पर अशोक स्तंभ अंकित हुआ करता था। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा 1996 में नोटों में परिवर्तन करने का फैसला लिया गया। इसके अनुसार अशोक स्तंभ की जगह राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का फोटो और अशोक स्तंभ की फोटो नोट के बायीं तरफ निचले हिस्से पर अंकित कर दी गई।
अभी तक 5 रुपए से लेकर 1 हजार तक के नोट में गांधीजी की फोटो दिखाई देती है। इससे पहले 1987 में जब पहली बार 500 का नोट चलन में आया तो उसमें गांधीजी का वॉटरमार्क यूज किया गया था। सन् 1996 के बाद हरेक नोट में गांधीजी का चित्र अंकित हो गया।
(फोटो: एक रुपए का नोट)
अब एक व दो रुपए के नोट सक्यरुलर में नहीं है। इसे 1994 से बंद कर दिया गया है। इनकी जगह सिक्कों ने ली है। वहीं, जब एक रुपए का नोट चलन में था, तब उस पर रिजर्व बैंक के गर्वनर की जगह फायनेंस सेक्रेटरी (वित्त सचिव) के हस्ताक्षर अंकित हुआ करते थे।
करंसी ऑफ ऑर्डिनेंस के नियमानुसार एक रुपए का नोट भारत सरकार द्वारा, जबकि दो रुपए से लेकर 1000 रुपए तक की करंसी रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा जारी की जाती थी। वर्तमान में एक-दो रुपयों का उत्पादन बंद कर दिया गया है, लेकिन पुराने नोट अभी भी चलन में हैं।
(इससे पहले तक नोटों पर किंग जॉर्ज की तस्वीर अंकित हुआ करती थी)
भारतीय रुपया 1957 तक 16 आनों में रहा। इसके बाद मुद्रा की दशमलव प्रणाली अपनाई गई और एक रुपए का निर्माण 100 पैसों में किया गया। महात्मा गांधी वाले कागजी नोटों की शुरुआत 1996 से शुरू हुई, जो अब तक चलन में है।
ऊपर किंग जॉर्ज की फोटो वाला नोट और इसके बाद चलन में आए अशोक स्तंभ वाला 10 रुपए का नोट
ध्यान देने योग्य बात:
भारतीय नोटों के अगले भाग पर अंकित चित्र समान होते हैं, लेकिन पिछले भाग पर अलग-अलग।
अगली स्लाइड में पढ़ें, नोटों की वे विशेषताएं, जिस पर बहुत कम ही ध्यान दिया जाता है...
पांच रुपए के नोट की खासियत:
अग्र भाग में : महात्मा गांधी की फोटो, अशोक स्तंभ
पिछले हिस्से में : ट्रैक्टर का चित्र
10 रुपए के नोट की खासियत:
अग्र भाग में : महात्मा गांधी की फोटो, अशोक स्तंभ
पिछले हिस्से में : गैंडा, हाथी व बाघ का चित्र
20 रुपए के नोट की खासियत:
अग्र भाग में :महात्मा गांधी की फोटो, अशोक स्तंभ
पिछले हिस्से में :ताड़ के वृक्षों का चित्र
50 रुपए के नोट की खासियत:
अग्र भाग में : महात्मा गांधी की फोटो, अशोक स्तंभ
पिछले हिस्से में : भारतीय संसद का चित्र
100 रुपए के नोट की खासियत:
अग्र भाग में : महात्मा गांधी की फोटो, अशोक स्तंभ
पिछले हिस्से में : हिमालय पर्वत का चित्र
500 रुपए के नोट की खासियत:
अग्र भाग में : महात्मा गांधी की फोटो, अशोक स्तंभ
पिछले हिस्से में : दांडी मार्च का चित्र
1000 रुपए के नोट की खासियत:
अग्र भाग में : महात्मा गांधी की फोटो, अशोक स्तंभ
पिछले हिस्से में : हिमालय पर्वत का चित्र
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